हम
विदेशों में भेजते हैं
मूंगफली के दाने.
विदेशों में भेजते हैं
मूंगफली के दाने.
अमरीका के बुद्धिजीवी
शराब के साथ पसंद करते हैं
हमारे मूंगफली के दाने .
उन्हें एकदम नापसंद है
टूटा हुआ होना
किसी भी दाने का कोई भी कोना.
शराब के साथ पसंद करते हैं
हमारे मूंगफली के दाने .
उन्हें एकदम नापसंद है
टूटा हुआ होना
किसी भी दाने का कोई भी कोना.
इसलिए इस महान देश की
महान परम्परा का निर्वाह करते हुए
उन्हें छीलती हैं वे औरतें
जिन्हें कहा है कवियों ने -
देवी ,माँ, सहचरी , प्राण !
महान परम्परा का निर्वाह करते हुए
उन्हें छीलती हैं वे औरतें
जिन्हें कहा है कवियों ने -
देवी ,माँ, सहचरी , प्राण !
वे छीलती हैं मूंगफली
अपने होंठों से ,
और छिल जाते हैं उनके होंठ
इस तरह कि-
जुड़ नहीं पाते
एक प्याली चाय पीने की खातिर भी कभी !
अपने होंठों से ,
और छिल जाते हैं उनके होंठ
इस तरह कि-
जुड़ नहीं पाते
एक प्याली चाय पीने की खातिर भी कभी !
काश ,
मेरी कविताएँ लगा सकतीं
उनके छिले होंठों पर
थोड़ा सा मरहम !!
-पूर्णिमा शर्मा
मेरी कविताएँ लगा सकतीं
उनके छिले होंठों पर
थोड़ा सा मरहम !!
-पूर्णिमा शर्मा