गुरुवार, 28 जनवरी 2010

प्रार्थना




हे प्रभो !
बड़ा दयालु है तू ,
तूने युद्धों की दुनिया में
बांसुरी बनाई ,
तूने काँटों की दुनिया में
कलियाँ खिलाईं
तूने नफ़रतों के अंधेरों में
प्यार के दीपक जलाए ,
तूने मर्दों की दुनिया में
औरतें बनाईं !
हे प्रभु !
बस इतना वरदान दे -
ये वंशियाँ -
कोलाहल के बीच
संगीत को जिंदा रख सकें ,
ये कलियाँ -
विद्रूप के बीच
सौन्दर्य को जिंदा रख सकें ,
ये दीपक -
मौत के बीच
जीने की ललक को जिंदा रख सकें .
और ये औरतें -
इस दुनिया को
दुनिया बनाए रख सकें !!
हे प्रभु !
बड़ा दयालु है तू
कि तूने हमें औरत बनाया
चूंकि
हमीं से ज़िंदा रहेगी
यह दुनिया !!!


-पूर्णिमा  शर्मा