मेरी माँ के लिए
26 जनवरी
एक राष्ट्रीय
पर्व था –
जनता के अपने राज
का पर्व,
संविधान की
वर्षगाँठ का पर्व,
राम-राज्य के सपने
का पर्व .
मेरे लिए
26 जनवरी
राष्ट्रीय अवकाश
का दिन था –
परेड का दिन,
मिठाई बांटने का दिन,
चादर तानकर सोने
का दिन .
मेरी बेटी के लिए
26 जनवरी
राष्ट्रीय
असुरक्षा का उत्सव है,
सबके एक साथ –
भयभीत होने का
उत्सव
विस्फोट और आतंक
से घिरने का उत्सव,
महान लोक के
कमज़ोर तंत्र का उत्सव .
-पूर्णिमा शर्मा